हेलो, मैं हूं विदूषी कर्नाटिक, हल्द्वानी से। मैंने मानसिक रोग का सामना किया है और अब मैं पूरी तरह से ठीक हो चुकी हूं। मैं अपनी कहानी आपको इसलिए बता रही हूं क्योकि मेरे सफ़र का सबसे मुश्किल हिस्सा मानसिक रोग नहीं था, बल्कि उस से जुड़ा हुआ कलंक था।
विदूषी 20 साल की है और साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई कर रही है। वह एक ब्लॉगर, वक्ता और समाज सेविका है। उसने हल्द्वानी में 'एनलाइटेनिंग होप वीथिन' नाम की संस्था की स्थापना की है। इस संस्था में मानसिक स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं से संपर्क करने में युवाओं की मदद की जाती है।