सैम की कहानी
हेलो, मैं हूं सैम। मुझे मेरी नानी ने पाल-पोस कर बड़ा किया है क्योंकि जब मैं एक दूध-पीती बच्ची थी तब अपने माता-पिता से अलग हो गयी थी। उस खालीपन को कोई नहीं भर पाया है। मैं चाहूंगी कि आप मेरी कहानी पढ़ें क्योंकि मैं सब को बताना चाहती हूं कि आप अपनी ज़िंदगी खुद बना और संवार सकते हैं।

Swipe Left to
read Story Strip

Leaving a
‘Small World’
Looking back to move forward
A family of my own
Staying grounded in the midst of chaos
Becoming a mother
A fine balance

The End

Jump to Start

अध्याय

1

2

3

4

5

6

सैम इस समय एप्लाइड साइकोलॉजी में मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई कर रहीं हैं। वे एक आर्ट्स बेस्ड थेरेपी की विशेषज्ञ भी हैं। वो किफ़ायती दरों पर अकेले या सामूहिक थेरेपी सेशन लेती हैं। उनका मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। उनके जीवन का ध्येय है लोगों की इस प्रकार मदद करना जिस से वे स्वयं अपनी मदद करने के काबिल बन सकें। सेल्फ हेल्प का अर्थ है अपने आप पर भरोसा करना और ऐसे हुनर सीखना जो आपको रोज़मर्रा की चुनौतियों से खुद लड़ने में काम आएंगे।
कथाकार
सैम
शोधकार्य
फेथ गोंज़ाल्वेज़
कला एवं चित्र
साकेत घैसास
मीडिया उत्पादन
कपिल दास