सदम की कहानी
हेलो, मैं सदम हंजबाम, मणिपुर का रहनेवाला हूं।ख़ुद को अपनाने की लड़ाई और दूसरे लोगों द्वारा न अपनाए जाने की वजह से मुझे कई मुश्किलें आई।यहां तक कि दो बार तो मैंने ख़ुद को मौत के मुँह से बाहर निकाला है। मैं अपनी कहानी सबके साथ सांझा करना चाहता हूं क्योंकि यह ज़रूरी है कि हमें एक ऐसा सुरक्षित माहौल मिले जहां हम अपनी कमज़ोरियों के बावजूद ईमानदारी से मन की बात कह सकें।
सदम हंजबाम, इम्फाल स्थित 'या आल' नाम की संस्था के संस्थापक (फाउंडर) और प्रमुख कार्यकर्ता (चीफ़ फंक्शनरी) हैं। यह पूर्वोत्तर भारत की पहली पंजीकृत (रजिस्टर्ड) संस्था है जो युवाओं द्वारा संचालित है।यूनाइट नेशन्स गर्ल एजुकेशन इनिशिएटिव के 6 LGBTQ+ उभरते युवाओं में सदम हंजबाम का नाम हाल ही में शामिल किया गया है। वो यूनाइटेड नेशन्स एन्वॉय ऑफ़ यूथ के IDAHOBIT 2020 वर्ष के 10 प्रेरणादायक मार्गदर्शकों में से भी एक हैं। द बेटर इंडिया द्वारा उन्हें COVID सोल्जर अवार्ड 2020 भी दिया गया है।
कथाकार
सदम हंजबम
शोधकार्य
फेथ गोंज़ाल्वेज़
कला एवं चित्र
दीप्ति शर्मा
और
साकेत घासीस