हेलो, मैं पावेल सागोलसेम हूं। मेरी पैदाइश एक पुरुष के रूप में हुई थी पर मुझे जल्द ही पता चल गया कि कहीं कुछ सही नही है। यह मेरी कहानी है जहां मैंने अपने आप को एक नॉन-बाइनरी रूप में पहचाना और दुनिया को बाइनरी दृष्टिकोण से देखना बंद किया।
पावेल के कार्य में सेक्सुअलिटी, जेंडर और LGBTQIA+ से संबंधित विषयों पर लिखने और ट्रेनिंग देने का काम शामिल है। उन्होंने चिंकी होमो नाम के एक प्रोजेक्ट की स्थापना की है। यहां भारत की उत्तर-पूर्वी भाग में रहनेवाले क्वीयर लोगों के जीवन में घटी सच्ची घटनाओं का संग्रह किया जाता है। पावेल ने महाराज सयाजी राव यूनिवर्सिटी, बड़ोदा और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एप्लाइड लिंग्विस्टिक्स एवं ट्रांसलेशन स्टडीज़ की शिक्षा और आंबेडकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली से जेंडर स्टडीज़ की डिग्री प्राप्त की। इस प्रोजेक्ट के ज़रिये लोग ख़ुद को और अपने समाज को बेहतर समझ पाने का प्रयत्न करते हैं।