आत्महत्या को समझना
सहायता प्राप्त करें
आत्महत्या के विचारों का सामना और उस से जुड़ी भावनाओं को महसूस करना बहुत मुश्किल हो सकता है। यहां कुछ सरल उपाय दिए गए हैं जो ख़ुद को सुरक्षित रखने में आपकी मदद करेंगे।
1.
किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें
आपको ऐसा करने में डर लगेगा और तक़लीफ़ भी हो सकती है पर आपके मन में जो तूफ़ान उठ रहा है उसके बारे में किसी से बात करना एक बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। आप किसी विश्वसनीय दोस्त या परिवार के सदस्य से बात कर सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या किसी हेल्पलाइन को संपर्क करने से भी आपको काफ़ी मदद मिलेगी।
2.
सहायता के विकल्पों की जानकारी पाएं
आपको ऐसा लग सकता है कि इस परिस्थिति से बचने का कोई तरीका नही है और कोई आपकी मदद नहीं कर सकता - पर आपके लिए तीन प्रकार की सहायताएं उपलब्ध हैं। यह आपकी मदद करेंगी उन परेशानियों से मुकाबला करने में जिनकी वजह से आपको आत्महत्या के विचार आ रहे हैं।
काउन्सलिंग हेल्पलाइन पर फ़ोन करें
हेल्पलाइन पर फ़ोन करने से आपको इस मुश्किल वक़्त में काम आनेवाली जानकारी और मदद मिलेगी। ये हेल्पलाइन्स कई भाषाओं में, दिन के किसी भी समय में, आपके लिए खुली हैं। आपकी बातचीत और व्यक्तिगत ब्योरे को गोपनीय रखा जाएगा।

iCall (+91 9152987821), एक मुफ़्त काउन्सलिंग सेवा है जहां आप विशेषज्ञों से टेलीफ़ोन पर बात कर सकते है, उन्हें ईमेल या उनके साथ चैट (icall@tiss.edu) कर सकते हैं। इस सेवा की सभी लाइनें सोमवार से शनिवार तक, 8AM और 10PM के बीच खुली हैं।

मारे इंस्टाग्राम पेज @itsoktotalk पर अन्य कई हेल्पलाइन्स की जानकारी हैं, जिन से आप कभी भी संपर्क कर सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलें
किसी काउंसलर, साइकेट्रिस्ट या डॉक्टर से मिलें। यह एक अच्छी शुरुआत होगी जिस से यह पता चलेगा कि आपकी ज़रुरत के हिसाब से आपको किस प्रकार की सहायता की आवश्यकता है। काउन्सलिंग से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप इस समय आत्महत्या से जुड़े विचारों और भावनाओं को क्यों महसूस कर रहे हैं। यह जानने के बाद इनका सामना करने और इसका सकारात्मक हल ढूंढने में आपको आसानी होगी। एक साइकेट्रिस्ट या डॉक्टर आपको मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों और उन की वजह से आनेवाले आत्महत्या के विचारों के इलाज के लिए दवाइयां लिख कर दे सकते हैं।
अपने इलाके में ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप से संपर्क करें
ऐसे लोगों से बात करें जो आप ही की तरह इस अनुभव से गुज़र रहे हों। अपने विचार, भावनाएं और ख़ुद को संभालने के तरीकों की चर्चा करें। एक ही नाव में सफ़र कर रहे लोग एक-दूसरे का दर्द बख़ूबी समझ सकते हैं और ज़रुरत पड़ने पर सहारा दे सकते हैं। आप सपोर्ट ग्रुप में शामिल होने के लिए किसी जगह पर उन से आमने-सामने मिल सकते हैं या फिर ऑनलाइन/फ़ोन पर बात कर सकते हैं।
ख़ुद को याद दिलाएं कि आप यह लड़ाई जीत सकते हैं
जब हम बुरे मूड में होते हैं और निराशा भरे विचार्रों से घिरे होते हैं तब ऐसा लगता है कि हमें ज़िंदगी भर ऐसा ही महसूस होगा। इसके बावजूद सच्चाई यह है कि बड़ी से बड़ी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से झूझते लोगों को आनेवाले बुरे विचार भी अधिकतर अस्थाई होते हैं। ख़ुद को याद दिलाएं कि आप इस संकट की घड़ी से बाहर निकल सकते हैं। यह बात ख़ुद को दोहरा-दोहरा कर समझाएं। इस ताकीद से आप के मन में आशा फिर से जागेगी और आप ठीक होने की तरफ़ ध्यान दे पाएंगे। यह बात अपने आप से बड़े प्यार से कहें, जैसे कोई करीबी दोस्त यह सलाह दे रहा हो।
अपना ख़याल रखें
1.
अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ख़याल रखें
एक्टिव बनें, चलते-फिरते रहे (उदाहरण के लिए, व्यायाम से आपका मूड अच्छा रहेगा), पूरी नींद लें, संतुलित आहार लें और शराब या ड्रग्स न लें।
2.
रिलैक्सेशन के तरीकों का इस्तेमाल करें
दिन भर के कामों में से रिलैक्स करने के लिए कुछ समय निकालें। आप गहरी सांस (डीप ब्रीथिंग) और सरल स्ट्रेचिंग के व्यायाम कर सकते हैं, गाने सुन सकते हैं, ऑनलाइन उपलब्ध रिलैक्सेशन व्यायाम या गाइडेड मैडिटेशन के वीडियो का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3.
ऐसे काम करें जो आपके लिए महत्वपूर्ण हों
दिनचर्या में ऐसे कामों को रखें जो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। यह ऐसे काम हो सकते हैं जिन्हें करना ज़रूरी है, जो आपको दूसरों से जुड़े रहने में मदद करते हैं या जिन्हें करने में आपको मज़ा आता
4.
रिश्ते-नाते संभालें
अपने आस-पास के लोगों और प्राणियों के साथ समय बिताने के अवसर खोजें। परिवार के साथ बैठ कर चाय की चुस्कियों का आनंद लें, बाग़ में घूमने जाएं, पंछियों को देखें, पुराने दोस्तों को मैसेज भेजें - ये सब काम कर के आप स्वयं को अपने वातावरण से जुड़ा हुआ पाएंगे।
एक 'सुरक्षा योजना (सेफ्टी प्लान)' बनाएं
सुसाइड के ख्यालों और उन से जुड़े जोखिम से बचाने में अपनी मदद करें, एक सुरक्षा योजना (सेफ्टी प्लान) बनाएं। यह आपके लिए बहुत ही ख़ास और व्यक्तिगत मामला है। एक स्टेप-बाय-स्टेप गाइड बनाएं जो इस संकट से सावधान रहने में आपके काम आए। नीचे दिए गए प्रारूप की मदद से आप अपना टेम्पलेट बना सकते हैं। यह सुरक्षा योजना उस समय बनाएं जब आप शांत हों और आपके काम आनेवाले उपायों के बारे में स्पष्ट रूप से सोच सकते हों। किसी दोस्त, परिवार के सदस्य या थेरेपिस्ट के साथ मिल कर यह योजना बनाएं और उन्हें भी इसकी एक कॉपी दें।
सुरक्षा योजना
मेरे चेतावनी संकेत
किस प्रकार के विचारों, चित्रों, भावनाओं और व्यवहार से यह चेतावनी मिलेगी कि मेरा मूड बिगड़ रहा है?
लोग जिन्हें मैं फ़ोन कर सकूं
परिवार, दोस्तों और सहायता सेवाओं के नाम और फ़ोन नंबर जिन्हें ज़रुरत पड़ने पर बुलाया जा सकता है।
मेरे बचाव के उपाय
ऐसा क्या है जिसे करने से मुझे पहले बेहतर महसूस हुआ हो या परिथिति से सामना करने की शक्ति मिली हो?
जगहें जहां मैं जहां सकूं
ऐसी सुरक्षित जगहों के नाम और पते जहां मैं जा सकूं अगर मैं ख़ुद को घर में सुरक्षित महसूस न करूं।
ख़ुद के लिए संदेश
एक ऐसा संदेश लिखें जो चुनौतियों से लड़ते समय आपको उम्मीद, भरोसा और हौंसला देगा।